तेरी रह-गुज़र में बिखर जाने की हसरत है
इन आँखों के समन्दर में उतर जाने की हसरत है
नहीं कहता तू मुझको अपनी हसरत बना के जी
मुझे तो तेरी दीवानगी में मर जाने की हसरत है।
~सतीश रोहतगी
स्वरांजलि,satishrohatgipoetry.blogspot.com,शायरी,छंदबद्ध हिंदी कविता,कविता,हिंदी कविता,कविताएं, कविता के बहाने, कविता हिंदी, best कविता, कविता desh bhakti देशभक्ति गीत,दोहा,घनाक्षरी,लावणी, ,ग़ज़ल,शायरी,shayari shayri for love shayri attitude shayari in hindi shayari sad shayri in hindi love,poetry,poems,english poetry,shayari, shayari status, shayari hindi, shayari shayari, shayari song, shayari gana, shayari attitude, a shayari, a shayari status, a shayari on love, shayari best, shayari dosti,
मैं समंदर तो नहीं कि दिल में उठे हर तूफान को सह लूँ तुम जब हंसकर गैरों से मिलती हो तो मैं परेशान होता हूँ ...
वाह।
ReplyDeletethanks
Deleteबहुत बहुत सुन्दर
ReplyDeletethanks sir
Deleteआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (07-02-2021) को "विश्व प्रणय सप्ताह" (चर्चा अंक- 3970) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
"विश्व प्रणय सप्ताह" की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ-
--
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
--
जी सर बहुत बहुत आभार
Deleteनहीं कहता तू मुझको अपनी हसरत बना के जी
ReplyDeleteमुझे तो तेरी दीवानगी में मर जाने की हसरत है।
वाह
बहुत ख़ूब...
जी शुक्रिया
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteउम्दा अशआर ..🌹🙏🌹
ReplyDeleteशुक्रिया
Deleteबहुत सुन्दर कृति।
ReplyDeleteबहुत खूब सतीश जी!
Deleteदीवानगी की सशक्त अभिव्यक्ति। हार्दिक शुभकामनाएं।