Wednesday, March 3, 2021

लगता है ये हवा तेरे शहर से आई है || sad shayri || A heart broken shayri

 ताज़गी है खुश्बू है जिंदगी सी लाई है

लगता है ये हवा तेरे शहर से आई है।


मेरे बालों से यूँ गुजरी गोया उँगलियाँ हैं तेरी


मेरे बालों से यूँ गुजरी गोया उँगलियाँ हैं तेरी

और एहसास में तेरी सांसों की पारसाई है।


मैं कशमकश की नोंक पे हस्ती को लिए बैठा हूँ


मैं कशमकश की नोंक पे हस्ती को लिए बैठा हूँ

ना कहूँ तो ख़ुदकुशी कह दूं तो जगहंसाई है।


उसी के ख्वाब सजाना जो मेरा न रहा कभी


उसी के ख्वाब सजाना जो मेरा न रहा कभी

मुहब्बत मेरी अब तो नींदों की बेहयाई है।


वो था,थी ग़म में ख़ुशी अब ख़ुशी में ग़म है


वो था,थी ग़म में ख़ुशी अब ख़ुशी में ग़म है

तब सांसे तमन्ना थी अब रस्म अदाई है।


ताज़गी है खुश्बू है ज़िन्दगी सी लाई है

लगता है ये हवा तेरे शहर से आई है

9 comments:

  1. ताज़गी है खुश्बू है ज़िन्दगी सी लाई है

    लगता है ये हवा तेरे शहर से आई है।
    वाह!!

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  2. वाह। लाजवाब, बेहतरीन👌🌻

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  3. बहुत बहुत सुन्दर सराहनीय रचना ।

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