Friday, June 11, 2021

अधूरी बात

 रह जाती है अधूरी वो जरुरी बात

सोचकर कि कल कहूँगा आज नही

तैयारियां नाकाम हो जाती तेरे सामने

जैसे कि जज्बात तो हैं अल्फ़ाज नही










                                                   ~सतीश रोहतगी

9 comments:

  1. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (१२-०६-२०२१) को 'बारिश कितनी अच्छी यार..' (चर्चा अंक- ४०९३) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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  2. सुन्दर रचना

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  3. क्यों कल पर कुछ छोड़ना ।
    सुंदर सार्थक पंक्तियां।

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  4. भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति।

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