Saturday, August 7, 2021

मसला

 दुनिया में जो भी अहम है

            हाँ बस वही मसला नही


तभी तो देखकर ऊँचाई घर की

            कोई नींव को समझा नही


वो तो विश्वास की ठोकर से बस

             लड़खड़ा कर था गिरा


और ये दुनिया समझती है कि 

             वो वक्त पर संभला नही


                         ~सतीश रोहतगी



मसला= चर्चा का विषय

#satishrohatgipoetry

#satishrohatgi

9 comments:

  1. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (०९-०८-२०२१) को
    "कृष्ण सँवारो काज" (चर्चा अंक-४१५१)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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    Replies
    1. कृपया बुधवार को सोमवार पढ़े।

      सादर

      Delete
  2. वाह! अद्भुत ।
    सटीक कहा आपने , शानदार।

    ReplyDelete

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