तेरे चेहरे की रंगत से सजी
सुबह की फजाएं देखकर,
दिल हुआ बेचैन मेरा
ये तेरी अदाएं देखकर।
इश्क के शीशे की खातिर
था हज़र सा दिल मेरा,
पत्थर अब पानी हुआ है
जलवों की शमाएं देखकर।
बेरहम दुनिया की गली में
अब भटकते थक गया हूँ,
आराम की चाहत हुई है
जुल्फों के साये देखकर।
एक तुम मेरी मुहब्बत
की कदर करते नही,
एक हम बिछा देते हैं दिल
तुम्हें राह में आये देखकर।
आइना और मेरी कहानी
एक कशमकश में है फंसी,
हैं वो बेखबर,दिल में हमारे
खुद को समाये देखकर।
तेरे चेहरे की रंगत से सजी
सुबह की फजाएं देखकर।
दिल हुआ बेचैन मेरा
ये तेरी अदाएं देखकर
~सतीश रोहतगी
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संकेत
रंगत=लाली या रौनक
हज़र=पत्थर
शमाएं=आग
कशमकश=उलझन
Gajab
ReplyDeleteशुक्रिया
Deleteआइना और मेरी कहानी
ReplyDeleteएक कशमकश में है फंसी,
फिर भी बेखबर,दिल में हमारे
खुद को समाये देखकर...बहुत खूब सतीश जी
बहुत बहुत शुक्रिया अलकनंदा सिंह जी
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