1.
उनसे इश्क का सौदा नफा था या नुकसान था
हुआ यूं कि हम तन्हाई से आहें बदल के रह गए
उन्हें आना न था न आएंगे पर दिल का क्या करें
हम दियों से रस्ता सजाकर खुद को छल के रह गए
2.
उम्मीद के दिये हैं रोज जलाने हैं बुझाने हैं
आज आएगा ये सोचकर हमें रस्ते सजाने हैं
वो जब लौटने का वादा कर अपनी मंजिल पे बढ़ गया
वो तब भी होशियार था हम अब भी दीवाने हैं
3.
हाथ की लकीरों में लिखा क्या है
पाया ही क्या था जो देखूँ बचा क्या है
मेरे और दिल के बीच इस बात की जंग है
ये ही जिंदगी है तो फिर क़ज़ा क्या है
4.
करिया ए दिल पे इक कयामत आते आते रुक गयी है
उठते उठते उनकी नजर जो आज फिर से झुक गयी है
उलझन बड़ी हमारे लिए उनका कुछ कहे बिना जाना
फिर मुड़कर देखने की घड़ी हम पे बहुत नाजुक गयी है
#shayri
#शायरी
#ग़ज़ल
#gazal
#SatishRohatgi
स्पष्टीकरण-तस्वीर गूगल से साभार
wha wha ...gajab
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ReplyDeleteवाह!!!
ReplyDeleteक्या बात ....
बहुत ही लाजवाब सृजन
धन्यवाद जी
DeleteEk khawab tha jo adhura sa rah gya
ReplyDeleteShayad tavkko nhi the kuch ulfat se uski.
वाह
DeleteMast ek dum jabardast uchh koti ka sahityaa
ReplyDeleteशुक्रिया
Deleteआप जैसे व्यक्ति का ये कमेंट मेरे लिए मायने रखता है।
लाजवाब
ReplyDeleteशुक्रिया
Deleteधन्यवाद जी
धन्यवाद जी
DeleteBadhya
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