Wednesday, September 2, 2020

कुछ शेर-उलझन


 1.

उनसे इश्क का सौदा नफा था या नुकसान था

हुआ यूं कि हम तन्हाई से आहें बदल के रह गए

उन्हें आना न था न आएंगे पर दिल का क्या करें

हम दियों से रस्ता सजाकर खुद को छल के रह गए

2.

उम्मीद के दिये हैं रोज जलाने हैं बुझाने हैं

आज आएगा ये सोचकर हमें रस्ते सजाने हैं

वो जब लौटने का वादा कर अपनी मंजिल पे बढ़ गया

वो तब भी होशियार था हम अब भी दीवाने हैं

3.

हाथ की लकीरों में लिखा क्या है

पाया ही क्या था जो देखूँ बचा क्या है

मेरे और दिल के बीच इस बात की जंग है

ये ही जिंदगी है तो फिर क़ज़ा क्या है

4.

करिया ए दिल पे इक कयामत आते आते रुक गयी है

उठते उठते उनकी नजर जो आज फिर से झुक गयी है

उलझन बड़ी हमारे लिए उनका कुछ कहे बिना जाना

फिर मुड़कर देखने की घड़ी हम पे बहुत नाजुक गयी है


#shayri

#शायरी

#ग़ज़ल

#gazal

#SatishRohatgi



स्पष्टीकरण-तस्वीर गूगल से साभार



12 comments:

  1. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  2. वाह!!!
    क्या बात ....
    बहुत ही लाजवाब सृजन

    ReplyDelete
  3. Ek khawab tha jo adhura sa rah gya
    Shayad tavkko nhi the kuch ulfat se uski.

    ReplyDelete
  4. Mast ek dum jabardast uchh koti ka sahityaa

    ReplyDelete
    Replies
    1. शुक्रिया
      आप जैसे व्यक्ति का ये कमेंट मेरे लिए मायने रखता है।

      Delete

Featured post

मैं समन्दर तो नही

 मैं समंदर तो नहीं कि दिल में उठे हर तूफान को सह लूँ तुम जब हंसकर गैरों से मिलती हो तो मैं परेशान होता हूँ                                  ...